S&P ने भारत की ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7.3% किया, बढ़ती महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध बनी वजह

S&P Global Ratings ने बुधवार चालू वित्‍त वर्ष के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। एसएंडपी ग्‍लोबल रेटिंग्‍स ने बढ़ती महंगाई और अनुमान से अधिक समय तक चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष को देखते हुए ग्रोथ के अनुमान में यह कटौती की है।

S&P Global Ratings Cuts India GDP Growth Forecast For Two Years, Rising Inflation And Russia Ukraine Conflict Responsible | Indian Economy: S&P Global Ratings ने रूस-यूक्रेन युद्ध और महंगाई के चलते घटाया

S&P ने अपनी ग्‍लोबल मैक्रो अपडेट टु ग्रोथ फोरकास्‍ट्स में कहा है कि ज्‍यादा समय तक महंगाई दर अधिक रहना चिंता की बात है। इसके लिए केंद्रीय बैंकों को मौजूदा कीमतों को देखते हुए दरों में बढ़ोतरी करनी होगी। हालांकि, यह जोखिम भरा कदम होगा क्‍योंकि इसका सबसे ज्‍यादा असर आउटपुट और रोजगार पर पड़ेगा। पिछले साल दिसंबर में एसएंडपी ने अनुमान लगाया था कि 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) की ग्रोथ रेट 7.8 प्रतिशत रहेगी। ग्रोथ के इस अनुमान में कटौती कर इसे चालू वित्‍त वर्ष के लिए 7.3 प्रतिशत कर दिया गया है। अगले वित्‍त वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान किया गया है।

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एसएंडपी ने कहा है कि पिछले अनुमानों के मुकाबले हमारे अनुमानों में जोखिम बढ़ा है। रूस-यूक्रेन युद्ध अभी चलते रहने की संभावना है और हमारा नजरिया है कि इससे ग्रोथ में कमी आने का जोखिम बढ़ जाता है। आकलन के मुताबिक भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था ने पिछले वित्‍त वर्ष (2021-22) में 8.9 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ हासिल की थी। एसएंडपी ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्‍त वर्ष में खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) 6.9 प्रतिशत रहा सकती है।

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