उत्तर प्रदेश और पंजाब के साथ पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के रणभेरी बज चुकी है। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही पाला बदलने का सिलसिला जारी है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान यूपी में भारतीय जनता पार्टी को हो रहा है। तीन मंत्रियों सहित अब तक एक दर्जन से अधिक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। पाला बदलने वाले नेताओं का दावा है कि भगवा पार्टी से अभी और भी इस्तीफे होंगे। बीजेपी से बड़े पैमाने पर हुए इस्तीफे के बाद यूपी में ओबीसी पॉलिटिक्स फिर जोड़ पकड़ ली है। समाजवादी पार्टी की नजर गैर यादव ओबीसी वोट बैंक पर है। वहीं, योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं इस चुनाव में लड़ाई 80 (हिंदू) और 20 (मुसलमान) के बीच है।
यूपी के अलावा पंजाब में भी तेजी से सियासी हालात बदल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी आज बाॉर्डर स्टेट के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है। आपको बता दें कि कल दिल्ली में इसको लेकर गहन मंथन हुआ। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दो सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है। वहीं, पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के भी तल्ख तेवर कम नहीं हुए हैं।
UP Vidhan Sabha Chunav: 85 तो हमारा है, 15 में भी बंटवारा है- स्वामी प्रसाद मौर्य
यही नहीं सीएम योगी के बयान पर हमला बोलते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लड़ाई 80 बनाम 20 की नहीं है बल्कि 85 बनाम 15 की है। हम तो कहते हैं कि 85 तो हमारा है, 15 में भी बंटवारा है। यदि आप हिंदुओं के हमदर्द हैं तो फिर पिछड़ों, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण पर क्यों डाका डालते हो। अभी-अभी 69 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई। इनमें से 19 हजार ओबीसी और दलित सीटों पर सामान्य वर्ग के लोगों को ही नियुक्ति पत्र दे दिया।
UP Vidhan Sabha Chunav: स्वामी का भाजपा पर वार- सरकार हम पिछड़े बनाएं और मलाई खाएं 5 फीसदी लोग
यह भाजपा केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम उछालकर पिछड़ों के बूते सत्ता में आई थी। भाजपा ने चर्चा की थी कि स्वामी प्रसाद मौर्या या केशव प्रसाद सीएम होंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, गोरखपुर से नेता को लाकर सीएम बना दिया और पिछड़ों की आंखों में धूल झोंक दी। आज सरकार बनाएं अल्पसंख्यक और पिछड़े और मलाई खाएं, वे 5 फीसदी अगड़े।
UP Vidhan Sabha Chunav: हमारे इस्तीफा देते ही जाग गए कुंभकर्णी नींद में सो रहे भाजपा के नेता
आज भारतीय जनता पार्टी के वो बड़े-बड़े नेता जो कुंभकर्णी नींद सो रहे थे, उनकी नींद हमारे इस्तीफों के बाद हराम हो गई है। इसके साथ ही भाजपा के कुछ लोग कहते हैं कि 5 साल तक क्यों नहीं इस्तीफा दिया। कुछ बददिमाग लोग यह भी कहते हैं कि बेटे के चक्कर में भाजपा छोड़ दी। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि भाजपा के लोगों ने इस देश के गरीबों, मजलूमों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आंखों में धूल झोंककर सत्ता हथियाई थी।