
संवाददाता , योगेश यादव
News Time Nation Sultanpur – सुल्तानपुर जनपद में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है। विकास भवन के मुख्य गेट के पास स्थित पराग मिल्क बार पर मिलावटी और घटिया खाद्य सामग्री की बिक्री का आरोप लगाया गया है। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज होने के बाद, मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने इसे गंभीरता से लिया है और तत्काल जांच के आदेश जारी किए हैं।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अब यह प्रशासनिक स्तर पर एक उच्च प्राथमिकता का विषय बन चुका है। आमजन की सेहत से जुड़ी इस लापरवाही पर नगर और खाद्य विभाग दोनों की सक्रियता बढ़ गई है।
🧪 आरोप: मिलावटी दूध से बन रही खाद्य सामग्री
स्थानीय नागरिकों और शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार:
- दूध में मिलावट कर उससे कॉफी, चाय, और अन्य पेय पदार्थ बनाए जा रहे हैं।
- स्वास्थ्य मानकों की अनदेखी कर घटिया कच्चे माल का इस्तेमाल हो रहा है।
- दूध से बदबू आती है और उसका रंग व स्वाद सामान्य नहीं होता।
- खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का स्रोत संदिग्ध है।
“पराग मिल्क बार पर जो दूध दिया जा रहा है, वह न तो ताजगी लिए होता है, न गुणवत्ता। कई बार पीने वालों को पेट दर्द, उल्टी जैसे लक्षण देखने को मिले हैं।” – स्थानीय ग्राहक
📍 लोकेशन का महत्व: विकास भवन के पास, प्रशासन के सामने ही खेल
इस पूरे प्रकरण को और भी संवेदनशील बनाता है इसकी भौगोलिक स्थिति। यह मिल्क बार जनपद के सबसे महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय – विकास भवन – के मुख्य द्वार के पास स्थित है। यानी कि:
- हर दिन सैकड़ों अधिकारी, कर्मचारी और आमजन यहां से गुजरते हैं।
- यह स्थान अत्यंत व्यस्त और हाई प्रोफाइल इलाका माना जाता है।
- इसके बावजूद खुलेआम मिलावट और अतिक्रमण प्रशासन की आंखों के सामने होता रहा।
🚫 अतिक्रमण और ओवर रेटिंग के आरोप
शिकायतकर्ता ने सिर्फ मिलावट का ही नहीं, बल्कि पीडब्ल्यूडी के फुटपाथ पर अतिक्रमण, अस्वच्छता, और ओवर रेटिंग के गंभीर आरोप भी लगाए हैं:
- पब्लिक फुटपाथ पर कुर्सी-मेज लगाकर जगह घेरना।
- बिना लाइसेंस के अतिरिक्त खाद्य उत्पादों की बिक्री।
- सरकारी रेट से अधिक मूल्य वसूलना।
यह सब सार्वजनिक स्थान का दुरुपयोग और उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है।
🧾 मुख्यमंत्री पोर्टल पर हुई शिकायत
मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जागरूक नागरिक ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल (IGRS) पर शिकायत दर्ज कराई, जिसमें सभी बिंदुओं को विस्तार से उल्लेख किया गया। शिकायत में कहा गया:
“यह मिल्क बार वर्षों से विकास भवन परिसर के बाहर अतिक्रमण करके न केवल जगह घेर रहा है, बल्कि वहां घटिया और मिलावटी खाद्य सामग्री बनाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है।”
📣 CDO अंकुर कौशिक का बड़ा बयान
News Time Nation Sultanpur से विशेष बातचीत में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) अंकुर कौशिक ने कहा:
“मामले की जानकारी मिलते ही मैंने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। यदि आरोप सही पाए गए, तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जाएगी। स्वास्थ्य और सार्वजनिक हित से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
यह बयान साफ दर्शाता है कि अब प्रशासन इस तरह के मामलों में सख्ती के मूड में है।
🧪 खाद्य सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी बढ़ी
जैसे ही जांच के आदेश जारी हुए, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग (FSSAI) की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। विभाग को चाहिए कि:
- दूध और खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच कराए।
- खाद्य विक्रेता का लाइसेंस, पंजीकरण और स्वच्छता प्रमाण पत्र चेक करें।
- FSSAI एक्ट के तहत उचित कार्यवाई करें।
यदि मिलावट प्रमाणित होती है, तो संबंधित धाराओं के तहत जुर्माना, लाइसेंस निरस्तीकरण या जेल तक की सजा संभव है।
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📸 सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तस्वीरें और वीडियो
मामले को और अधिक गंभीर बनाने वाली बात यह है कि स्थानीय लोगों ने पराग मिल्क बार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं, जिसमें दिखाया गया:
- खुले में बिना ढक्कन के दूध और खाद्य सामग्री रखी गई है।
- जगह-जगह गंदगी फैली है।
- काउंटर के पास मच्छरों और मक्खियों की भरमार है।
“हमने कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर डाले, ताकि प्रशासन तक सच्चाई पहुंचे। अब कम से कम कार्यवाई की उम्मीद जगी है।” – स्थानीय समाजसेवी
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👨⚖️ कानूनी प्रावधान: मिलावट पर सख्त कानून
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 (FSSAI Act) के अनुसार:
अपराध | सजा |
---|---|
मिलावटी दूध बेचना | ₹5 लाख तक जुर्माना / 6 महीने से 3 साल तक जेल |
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थ बेचना | ₹10 लाख तक जुर्माना / 7 साल तक जेल |
लाइसेंस के बिना कारोबार | ₹5 लाख तक जुर्माना / लाइसेंस रद्द |
इस कानून के तहत पराग मिल्क बार पर गंभीर धाराएं लग सकती हैं, यदि दोष प्रमाणित होता है।
📢 जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों ने News Time Nation Sultanpur को बताया कि:
- “हम वर्षों से इस मिल्क बार की गुणवत्ता को लेकर चिंतित थे।”
- “अब तक कोई जांच नहीं हुई थी, शायद इस बार कुछ कार्रवाई होगी।”
- “स्वास्थ्य से समझौता नहीं होना चाहिए, प्रशासन को और सख्त होना चाहिए।”
🏥 स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय
डॉ. संदीप मिश्रा, जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है:
“मिलावटी दूध में डिटर्जेंट, यूरिया और सिंथेटिक सामग्री मिलाई जाती है, जो लीवर, किडनी और पेट संबंधी गंभीर बीमारियों का कारण बनती है। लंबे समय तक सेवन करने से कैंसर तक का खतरा होता है।”
निष्कर्ष
News Time Nation Sultanpur की इस ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, सुल्तानपुर जैसे शहर में स्वास्थ्य के नाम पर इस तरह की लापरवाही किसी अपराध से कम नहीं।
जहां सरकार एक ओर “स्वस्थ भारत” और “ईज़ ऑफ लिविंग” जैसे अभियानों पर करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारीक तंत्र की आंखों के सामने मिलावट का धंधा फल-फूल रहा है।
अब देखना यह होगा:
- क्या खाद्य विभाग सक्रिय जांच करेगा?
- क्या नमूनों की रिपोर्ट सार्वजनिक होगी?
- क्या दोषी विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्यवाई होगी?