सुल्तानपुर। स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट राकेश यादव की अदालत में पुलिस को बड़ा झटका लगा है। जौनपुर जेल से तलब आरोपी अरुण कुमार मिश्र के रिमांड की मांग को कोर्ट ने निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने विवेचना में कमियां उजागर करते हुए पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी भी की है, जिससे पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है।

सुल्तानपुर में गैंगस्टर एक्ट से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में स्पेशल जज राकेश यादव की अदालत ने आरोपी अरुण कुमार मिश्र के रिमांड की पुलिस अर्जी को खारिज कर दिया है। कुड़वार थाना प्रभारी अमित कुमार मिश्र द्वारा जौनपुर जेल में बंद आरोपी अरुण मिश्र को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की मांग की गई थी, जिसे अदालत ने निराधार मानते हुए अस्वीकार कर दिया।
गौरतलब है कि इस मामले में कोतवाली नगर में प्रभारी निरीक्षक धीरज कुमार ने अरुण कुमार मिश्र और उनकी पत्नी सरिता मिश्रा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले सह-आरोपी सरिता मिश्रा का रिमांड भी विशेष अदालत द्वारा खारिज कर उन्हें सशर्त रिहा कर दिया गया था।

अदालत ने पाया कि विवेचना में कई गंभीर कमियां हैं और रिमांड आवेदन द्वेषपूर्ण भावना से प्रस्तुत किया गया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अखिलेश सिंह के तर्कों को देखते हुए कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कड़ी टिप्पणी भी की। अदालत के इस आदेश से आरोपी को बड़ी राहत मिली है, जबकि पुलिस विभाग को एक और बड़ा झटका लगा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिले के एसपी कुंवर अनुपम सिंह इस मामले में दोषपूर्ण कार्यशैली वाले पुलिस अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं।