Sultanpur (सुलतानपुर) – पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की 1500वीं सालाना पैदाइश के अवसर पर पूरे विश्व में विविध कार्यक्रम और तैयारियां चल रही हैं। इसी कड़ी में बुधवार को सुलतानपुर के कर्बला सिविल लाइन में वीर अब्दुल हमीद कमेटी की ओर से एक विशेष पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का नेतृत्व मुफ़्ती अकील अहमद ने किया, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शकील अहमद उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने सहभागिता निभाई और पौधारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
कार्यक्रम का विवरण
Sultanpur में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल पौधे लगाना नहीं था, बल्कि लोगों में प्रकृति और इंसानियत के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी था।
मुख्य अतिथि शकील अहमद ने कहा कि पेड़-पौधों का संरक्षण मानव जीवन के लिए अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि इस्लामी शिक्षाओं में भी पेड़-पौधों की सुरक्षा और मानव कल्याण पर विशेष जोर दिया गया है। उनके अनुसार, प्रकृति और इंसान के बीच संतुलन बनाए रखना आज के समय में अति आवश्यक है।
मुफ़्ती अकील अहमद ने कहा कि हज़रत मोहम्मद स.अ.व. ने हमेशा समाज में सहिष्णुता, पर्यावरण संरक्षण और इंसानियत की भलाई पर जोर दिया। इस पौधारोपण कार्यक्रम के माध्यम से वीर अब्दुल हमीद कमेटी ने यह संदेश दिया कि उनके आदर्शों का अनुसरण करना न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
हमारे यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
प्रमुख प्रतिभागी और कार्यक्रम की विशेषताएँ
इस अवसर पर वीर अब्दुल हमीद कमेटी के सदर मकबूल अहमद नूरी, कारी अयूब अहमद, प्रधान रवानिया पश्चिम राज नारायण यादव, छम्मन ख़ान, दिनेश मिश्रा, सभासद गुड्डू, के.डी, मौलाना शकील अहमद समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में कुल मिलाकर सैकड़ों स्थानीय नागरिकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने संयुक्त रूप से पौधारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और समाज में भाईचारे के संदेश को आगे बढ़ाया।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों और युवाओं ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने न केवल पौधारोपण किया बल्कि सुलतानपुर में हरित क्षेत्र और हरा-भरा वातावरण बनाने के महत्व पर चर्चा भी की।
हमारे फेसबुक चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
पर्यावरण और समाज में योगदान
Sultanpur के इस पौधारोपण कार्यक्रम ने यह साबित किया कि धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की भावना फैलाई जा सकती है।
शकील अहमद ने कहा कि आज के बदलते समय में पर्यावरण संकट गंभीर रूप से बढ़ रहा है। इसके लिए सभी नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं, को पेड़-पौधों की सुरक्षा और हरी-भरी धरती बनाए रखने के लिए आगे आना होगा।
कार्यक्रम का एक विशेष पहलू यह रहा कि इसमें सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने सहभागिता निभाई। इस तरह के कार्यक्रम समाज में एकता और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करते हैं।
Sultanpur में जागरूकता और सामाजिक संदेश
वीर अब्दुल हमीद कमेटी का कहना है कि केवल पौधे लगाना पर्याप्त नहीं है। इसके साथ ही सामाजिक जागरूकता और पर्यावरण शिक्षा भी जरूरी है। इसलिए इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया और पेड़-पौधों के संरक्षण की अहमियत समझाई गई।
मुख्य अतिथि शकील अहमद ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश धार्मिक शिक्षाओं और इस्लामी मूल्यों से भी मिलता है। हज़रत मोहम्मद स.अ.व. ने हमेशा प्रकृति, मानवता और समाज के प्रति जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से सुलतानपुर के नागरिकों में यह संदेश फैलाया गया कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखे और समाज के लिए योगदान करे।
युवाओं की भागीदारी
Sultanpur के पौधारोपण कार्यक्रम में युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। छात्रों ने न केवल पौधे लगाए बल्कि शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझा।
इस अवसर पर युवा नेताओं ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम सुलतानपुर में समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई पहल हैं। इससे युवा पीढ़ी में सकारात्मक सोच और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना पैदा होती है।
सामाजिक और धार्मिक एकता का संदेश
Sultanpur में आयोजित इस पौधारोपण कार्यक्रम ने यह साबित किया कि धार्मिक आयोजन और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चल सकते हैं। इस कार्यक्रम ने लोगों को यह संदेश दिया कि हम सभी को प्रकृति और मानवता की भलाई के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने यह भी कहा कि ऐसे कार्यक्रम सुलतानपुर में सामाजिक सौहार्द और भाईचारे को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
Sultanpur में वीर अब्दुल हमीद कमेटी द्वारा आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम न केवल हज़रत मोहम्मद स.अ.व. की 1500वीं जयंती के सम्मान में किया गया, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक जागरूकता और मानवता के संदेश का भी प्रतीक बना।
कार्यक्रम ने सभी उपस्थित लोगों को प्रेरित किया कि प्रकृति और इंसान के बीच संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
Sultanpur में आयोजित यह कार्यक्रम साबित करता है कि धार्मिक, सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को मिलाकर एक सकारात्मक और स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है।