Sultanpur । जिले के रेलवे स्टेशन परिसर में अवैध वाहन स्टैंड का मामला चर्चा का विषय बन गया है। सूत्रों की माने तो पूरे स्टेशन परिसर में वाहनों की भीड़ और अव्यवस्था रोज़मर्रा की बात बन गई है, और यह स्थिति आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) कर्मियों के संरक्षण में संचालित हो रही अवैध वसूली का परिणाम लगती है।
अवैध वसूली और धमकियाँ
स्थानीय यात्रियों और स्टैंड संचालकों की शिकायतों के अनुसार, रेलवे स्टेशन परिसर में संचालित ई-रिक्शा और अन्य वाहनों से प्रति वाहन 500 से 1000 रुपये तक वसूली की जाती है। यदि कोई वाहन चालक इस वसूली को कम देने की बात करता है, तो आरपीएफ या प्राइवेट सुरक्षा कर्मी चालक को सीधे धमकी देते हैं। धमकियों के माध्यम में अक्सर वाहन चालान काटने, ट्रेन में जॉब पुलिंग या जेबकतरा जैसी घटनाओं में फंसाने की बातें शामिल होती हैं। कभी-कभी तो बिना टिकट यात्रा करने पर जेल भेजने की धमकी भी दी जाती है।
सूत्रों के अनुसार, आरपीएफ में तैनात सचिन गिल इस अवैध वसूली में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उनका कहना है कि यदि पैसा नहीं दिया गया, तो संबंधित चालकों को किसी न किसी मामले में जेल भेजने की धमकी दी जाती है। इस प्रकार, स्टेशन परिसर में चल रही अवैध टैक्सी और ई-रिक्शा स्टैंड की गतिविधियों में सुरक्षा बलों की साठगांठ स्पष्ट दिखाई देती है।
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अवैध पार्किंग और यातायात अव्यवस्था
Sultanpur रेलवे स्टेशन की पार्किंग केवल मोटरसाइकिलों के लिए अधिकृत है, लेकिन यहां ई-रिक्शा और अन्य वाहनों से 30 से 100 रुपये तक अवैध पार्किंग शुल्क लिया जाता है। इससे न केवल यात्रियों की परेशानी बढ़ रही है, बल्कि स्टेशन परिसर में भीड़ और जाम की स्थिति बनी रहती है। यात्रियों का कहना है कि पूरे स्टेशन में वाहनों की इतनी भीड़ रहती है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
स्थानीय लोगों और यात्रियों के अनुसार, RPF कर्मियों और अवैध स्टैंड संचालकों की मिलीभगत के कारण यह अवैध व्यापार फलफूल रहा है। यात्रियों के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि उन्हें नियमित रूप से अवैध वसूली का सामना करना पड़ता है और सुरक्षा बलों पर भरोसा करना मुश्किल हो जाता है।
यात्रियों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय यात्रियों का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी के नाम पर लोग अपनी सुविधा और फायदा बना रहे हैं। वे आरोप लगाते हैं कि रेलवे परिसर में अवैध टैक्सी स्टैंड संचालित हो रहा है, और इससे यात्रियों की सुविधा पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा, पैदल यात्रियों के लिए जगह कम होने और यातायात की अव्यवस्था के कारण स्टेशन परिसर में रोज़मर्रा की यात्रा तनावपूर्ण हो गई है।
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प्रशासन की भूमिका
हालांकि, इस मामले में स्थानीय प्रशासन या रेलवे प्रशासन की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यात्रियों और स्थानीय लोगों की शिकायतों के बावजूद अवैध संचालन जारी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि रेलवे प्रशासन और RPF दोनों सक्रिय रूप से इस मामले की जांच करें और अवैध वाहनों के स्टैंड पर कार्रवाई करें, तो Sultanpur रेलवे स्टेशन का माहौल सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जा सकता है।
Sultanpur रेलवे स्टेशन परिसर में अवैध टैक्सी स्टैंड की स्थिति और आरपीएफ कर्मियों की मिलीभगत यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। स्टेशन परिसर में यातायात की अव्यवस्था, अवैध वसूली और धमकियों की स्थिति को देखते हुए प्रशासन की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यात्रियों की सुरक्षा और स्टेशन परिसर का व्यवस्थित संचालन खतरे में पड़ सकता है।
इस प्रकार, Sultanpur रेलवे स्टेशन की यह समस्या दर्शाती है कि सुरक्षा और नियमों के पालन में कमजोरियाँ किस प्रकार सार्वजनिक व्यवस्था और यात्रियों की सुविधा को प्रभावित कर सकती हैं।