अमेठी। झाड़-फूंक के अंधविश्वास के चलते एक 18 वर्षीय लड़की की मौत हो गई। यह हृदय विदारक घटना अमेठी के कोतवाली क्षेत्र के मजरे आरसाहनी भेंटुआ में घटित हुई। सांप के काटने के बाद लड़की के परिजन उसे अस्पताल ले जाने के बजाय टिकरी लेकर पहुंचे, जहां झाड़-फूंक के माध्यम से उसका इलाज कराने की कोशिश की गई।
सांप के काटने के बाद झाड़-फूंक का सहारा
अमेठी के मजरे आरसाहनी भेंटुआ की 18 वर्षीय लड़की को जब सांप ने काटा, तब उसके परिजन घबराकर उसे अस्पताल ले जाने के बजाय एक टिकरी लेकर गए। यहां पर झाड़-फूंक के माध्यम से लड़की का इलाज करने की कोशिश की गई। झाड़-फूंक के दौरान लड़की को पानी से नहलाया गया, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाई गई लड़की
झाड़-फूंक के बावजूद लड़की की हालत में कोई सुधार न होते देख, परिजन उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन दुर्भाग्यवश, अस्पताल पहुंचते ही लड़की की मौत हो गई। इस घटना से परिवार और ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई है।
अंधविश्वास का कहर
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आधुनिक समाज में अंधविश्वास की जड़ें कितनी गहरी हैं। विज्ञान और तकनीकी के इस युग में भी लोग झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों पर विश्वास करते हैं और अपनी जान को जोखिम में डालते हैं।
समाज में जागरूकता की कमी
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की कमी के चलते लोग झाड़-फूंक और अन्य अंधविश्वासों का सहारा लेते हैं। समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।
परिवार का बयान
लड़की के परिवार ने बताया कि वे अंधविश्वास के कारण झाड़-फूंक का सहारा लेने पर मजबूर हुए। उन्हें लगा कि झाड़-फूंक से उनकी बेटी ठीक हो जाएगी। लेकिन उन्हें अब अपनी गलती का एहसास हो रहा है और वे अन्य लोगों से अपील कर रहे हैं कि इस तरह के अंधविश्वासों पर विश्वास न करें और समय पर चिकित्सा सहायता लें।
स्वास्थ्य विभाग का रुख
स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। चिकित्सा अधिकारियों ने भी इस बात पर जोर दिया है कि सांप के काटने जैसे मामलों में तुरंत चिकित्सा सहायता लेना ही सबसे सही कदम है।
अंधविश्वास और इसके दुष्प्रभाव
अंधविश्वास के कारण लोगों की जान जाने की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी और स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता के चलते लोग झाड़-फूंक और अन्य अवैज्ञानिक तरीकों का सहारा लेते हैं। यह जरूरी है कि लोगों को शिक्षित किया जाए और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाई जाए।
सरकार और गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका
सरकार और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। स्कूलों, पंचायतों और सामुदायिक केंद्रों के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य और चिकित्सा के प्रति जागरूक किया जा सकता है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भी ठोस कदम उठाने होंगे।
सांप के काटने पर क्या करें?
सांप के काटने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेना बहुत जरूरी है। झाड़-फूंक या अन्य अवैज्ञानिक तरीकों का सहारा लेने से बचना चाहिए। यहां कुछ महत्वपूर्ण कदम बताए जा रहे हैं जिन्हें सांप के काटने पर अपनाना चाहिए:
- शांत रहें और मरीज को भी शांत रखें ताकि जहर तेजी से न फैले।
- काटे गए स्थान को हिलाएं नहीं और उसे हृदय के स्तर से नीचे रखें।
- साफ कपड़े से घाव को ढकें और मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं।
- मरीज को ज्यादा हिलाएं-डुलाएं नहीं ताकि जहर का फैलाव कम हो।
- झाड़-फूंक या चिरकुटी जैसे अंधविश्वासों का सहारा न लें।
महत्वपूर्ण संदेश
इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि अंधविश्वासों पर विश्वास करने के बजाय हमें विज्ञान और चिकित्सा पर विश्वास करना चाहिए। झाड़-फूंक और अन्य अवैज्ञानिक तरीकों से बचना चाहिए और समय पर चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
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समाप्ति
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि हमें अपने समाज में अंधविश्वासों के खिलाफ जागरूकता फैलानी होगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर व्यक्ति को समय पर चिकित्सा सहायता मिले और इस तरह की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
अंत में, हम सभी को मिलकर अंधविश्वासों के खिलाफ लड़ना होगा और एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज का निर्माण करना होगा।