सुल्तानपुर में एक गंभीर घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। 41 वर्षीय सुषमा बरनवाल की फंदे से झूलती हुई बॉडी उनके घर के दूसरे तल पर पाई गई। इस दुखद घटना ने एक महीने पहले उनके पति पर लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। सुषमा बरनवाल के भाई संजय बरनवाल ने उनके पति पर संगीन आरोप लगाए हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।
घटना का विवरण
आज सुबह सुल्तानपुर के शास्त्री नगर चौकी क्षेत्र में तुषार बरनवाल की पत्नी सुषमा बरनवाल की बॉडी घर के दूसरे तल पर लगी रस्सी से झूलती पाई गई। इस घटना के बाद सुषमा के भाई संजय बरनवाल जौनपुर से सुल्तानपुर पहुंचने के लिए निकले। संजय बरनवाल ने अपनी बहन की दुखद मौत के पीछे पति और ससुराल वालों को जिम्मेदार ठहराया है।
संजय बरनवाल का बयान
संजय बरनवाल ने फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि उनकी बहन को ससुराल में प्रताड़ित किया जा रहा था। सुषमा के दो बच्चे हैं, जिनकी उम्र 16 और 14 साल है। संजय ने बताया कि सुषमा का पति उसे लगातार सताता था और उसकी जिंदगी को नर्क बना दिया था। सुषमा का पति रोज शराब पीता था और बच्चों को भी अपनी दहशतगर्दी से खामोश रखता था।
एक महीने पहले की घटना
संजय बरनवाल ने बताया कि एक महीने पहले समाज के लोगों ने सुषमा के घर जाकर उनके पति को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन ससुराल वालों ने जबरन सुलहनामे पर हस्ताक्षर कराने का दबाव बनाया। सुषमा के भाई ने आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने उसकी बहन के फोन का सिम भी तोड़ दिया था, जिससे वह किसी से बात नहीं कर पाती थी।
सुषमा की दुखद जिंदगी
सुषमा की शादी को लगभग डेढ़ दशक बीत चुके थे, लेकिन संजय के अनुसार, वह कभी ससुराल में खुश नहीं रही। उनके पति ने उन्हें नौकरानी की तरह रखा और हमेशा उन्हें प्रताड़ित किया। संजय ने कहा कि यह मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि प्रायोजित हत्या का है।
देवरिया के प्रवीण बरनवाल का बयान
बरनवाल सेवा समिति, जिला देवरिया के प्रवीण बरनवाल भी इस मामले में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने सुल्तानपुर पहुंचकर कहा कि यह एक प्रायोजित मर्डर है और मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। प्रवीण बरनवाल ने भी सुषमा के पति पर संगीन आरोप लगाए हैं और पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है।
परिवार की मांग
सुषमा की बॉडी मिलने के बाद पुलिस को तुरंत सूचना दी गई। तुषार बरनवाल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पुलिस के आने के बाद ही उन्होंने बॉडी को फंदे से उतारा। मामले की जांच जारी है और पुलिस ने सभी संभावित पहलुओं की जांच करने का आश्वासन दिया है।
सुषमा के परिवार ने पुलिस से मांग की है कि जब तक संजय बरनवाल सुल्तानपुर नहीं पहुंचते, तब तक सुषमा की बॉडी की अंत्येष्टि न की जाए। संजय ने कहा कि वह सुल्तानपुर पहुंचकर नगर कोतवाली में तहरीर देंगे और न्याय की मांग करेंगे
इस घटना ने पूरे सुल्तानपुर को झकझोर कर रख दिया है। सुषमा बरनवाल की मौत की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। संजय बरनवाल और प्रवीण बरनवाल के आरोपों के बाद यह मामला और भी गंभीर हो गया है। सुषमा की मौत आत्महत्या थी या हत्या, यह तो पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। इस दुखद घटना ने एक बार फिर से घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के मामलों को उजागर किया है।
अंतिम विचार
समाज को ऐसे मामलों के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है। महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने होंगे। सुषमा बरनवाल का मामला एक उदाहरण है कि कैसे घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के चलते किसी की जिंदगी खत्म हो सकती है। न्याय और सच्चाई की उम्मीद में, सुल्तानपुर की जनता इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है।