मथुरा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने यूको बैंक की कोतवाली रोड शाखा की सीनियर मैनेजर गरिमा सिंह चौहान को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। मामला तब उजागर हुआ जब फ्लोर मिल कारोबारी कृष्ण मुरारी शर्मा को 1 करोड़ रुपये का लोन मिला था, लेकिन उसमें से 10 लाख रुपये ग़ैर-कानूनी तरीके से रोके गए थे। इस रकम को बैंक द्वारा रिहा करने के बदले 4% यानी 4 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी। CBI ने जाल बिछाकर रिश्वत के पहले हिस्से के रूप में 2 लाख रुपये स्वीकारते पकड़ा।
यह कार्यवाई साफ संदेश है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति कार्यान्वित की जा रही है।
घटना की रूपरेखा
| घटना | विवरण |
|---|---|
| आरोपी | गरिमा सिंह चौहान, सीनियर मैनेजर, UCO बैंक, मथुरा |
| शिकायतकर्ता | कृष्ण मुरारी शर्मा (फ्लोर मिल कारोबारी) |
| लोन राशि | 1 करोड़ रुपए (90 लाख जारी, 10 लाख रोके गए) |
| रिश्वत की मांग | 4 लाख रुपए (4% कमीशन) |
| आवेदनकर्ता | शिकायतकर्ता का बेटा सोनू |
| कार्यवाई | CBI की जालबाजी—रिश्वत का पहला भाग 2 लाख लेते समय गिरफ्तार |
| साथी आरोपी | मोहम्मद आरिफ (दलाल) |
| मामला दर्ज | 1 सितंबर, 2025 |
| गिरफ्तारी स्थान | कोर्टवाली रोड, मथुरा शाखा के पास |
खबर की पुष्टि – स्रोत उद्धरण
- Times of India: “…senior manager Garima Singh and her accomplice Arif Mohammed … caught accepting Rs 2 lakh as a partial bribe.”
- TOI लखनऊ संस्करण: “…senior manager demanded a bribe of Rs 4 lakh… caught accepting Rs 2 lakh as the first instalment.”
- IANS / AP7am रिपोर्ट: “…registered the case on September 1… son of the complainant visited the Bank… demanded a bribe of Rs 4 lakh … CBI laid a trap and caught the accused red-handed…”
- AajTak हिंदी: “…2 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया…”
जांच की पृष्ठभूमि
शिकायतकर्ता कृष्ण मुरारी शर्मा ने जब बाकी बचे 10 लाख रुपये की मांग के लिए बैंक गए, तो उनके बेटे सोनू ने बातचीत टेप कर ली। यह डायलॉग CBI को सौंपा गया, जिसके आधार पर एजेंसी ने रिश्वत का मूल्यांकन, स्थानीय पुलिस से सहायता लेकर ट्रैप स्थापित किया।
CBI टीम ने रंगीन नोट और कैमरा ट्रैप तकनीक का प्रयोग करते हुए गरिमा सिंह और दलाल को जेल भेजा। CBI सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के समय दोनों के हाथों का आपको जांच करने के लिए विशेष रसायन (फॉरेंसिक रसायन) से परीक्षण किया गया, जिससे रिश्वत की पुष्टि हुई।
स्थानीय प्रतिक्रिया और विस्तार
मामला CBI की कार्यवाई के तुरंत बाद सुनने में आया, जिसने बैंकिंग तंत्र में पारदर्शिता और विश्वास बहाल करने की दिशा में स्पष्ट कदम उठाया है। ग्राहकों और कारोबारियों में मिश्रित भावनाएं देखने को मिल रही हैं—कुछ ने कार्यवाई की सराहना की है तो कुछ ने यह भी पूछा कि क्या सच में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा?
News Time Nation Mathura का विश्लेषण
यह मामला केवल एक बैंक अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि यह बड़े भ्रष्टाचार के खिलाफ चेतना की मिसाल बनता है।
यह दिखाता है कि—
- नागरिकों द्वारा शिकायत दर्ज कराई जा सकती है और उस पर कार्यवाई हो सकती है।
- सिस्टम में साक्ष्य आधारित जांच और तकनीकी ट्रैप प्रभावी हैं।
- बैंकिंग क्षेत्र में भी शुद्धता और नैतिकता को बनाए रखने का संकल्प सामने आया है।
निष्कर्ष और संकेत
- यह कार्यवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ CBI की सक्रियता को दर्शाती है।
- Krishna Murari Sharma की शिकायत और बेटे की चतुरता ने ट्रैप लगवाने में निर्णायक भूमिका निभाई।
- बैंकिंग नियम-कानूनों का उल्लंघन करने वालों को कानून के तहत सजा मिल रही है।
News Time Nation Mathura इस मामले पर लगातार नजर रखेगा और जैसे ही आगे की कानूनी प्रक्रिया में कोई अपडेट आएगा, उसकी रिपोर्ट भी दी जाएगी।