लखनऊ. स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने शिक्षक भर्ती परीक्षाओं (Teachers Recruitment Examination) में धांधली करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए सरगना समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो विभिन्न जिलों में फर्जी दस्तावेजों के जरिये 100 से अधिक शिक्षकों की भर्ती करा चुका है. एसटीएफ के मुताबिक आरोप उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षक खुद गिरोह बनाकर जाली दस्तावेजों व साल्वर गैंग की मदद से बड़ा खेल कर रहे थे. अलग-अलग जिलों में लगातार फर्जी शिक्षकों की न सिर्फ भर्ती कराई जा रही है, बल्कि प्रयागराज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी सत्यापन तक कराए जा रहे थे. एसटीएफ अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के लिपिक नरेंद्र कन्नौजिया समेत कई फर्जी शिक्षकों की तलाश कर रही है. सरगना राम निवास के खाते में 19 लाख रुपये फ्रीज भी कराए गए हैं.
आरोपियों के पास से कई फर्जी डिग्री, अहम दस्तावेज और नकदी बरामद हुई है. एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला की टीम ने बताया कि शुक्रवार शाम विभूतिखंड थानाक्षेत्र के पिकप भवन तिराहे के पास से एक जालसाज गिरोह को दबोचा गया. गिरोह फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कराने, टीजीटी, पीजीटी व टीईटी परीक्षा में पास कराने का ठेका लेता था. इसके बदले में लाखो रुपये की वसूली की जाती थी.
यूपी में 6 साल से सक्रिय है यह गिरोह
एसटीएफ की गिरफ्त में आया गिरोह का मास्टर माइंड फिरोजाबाद के शिकोहाबाद के भांडरी निवासी राम निवास उर्फ राम भईया है. वह खुद जूनियर हाईस्कूल में फर्जी तरीके से शिक्षक नियुक्त है. इसके अलावा बिहार के गया स्थित चितरंजनपुर का संजय सिंह जो डाटा साफ्ट कंप्यूटर सर्विसेज प्रा. लि. कंपनी का प्रोडक्शन मैनेजर और आगरा के सिकंदरा का रविन्द्र कुमार उर्फ रवि शामिल है. रवि वर्तमान में देवरिया के भाटपाररानी में रहता है. वह फर्जी तरीके शिक्षक के रुप में बनकटा में तैनात है. एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक यह गिरोह 6 साल से सक्रिय है. फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी है.