गोरखपुर में सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अयोध्या पुल और बरहज में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पारकर काफी ऊपर पहुंच गया है। इन दोनों स्थानों पर सरयू नदी वर्ष 1998 के उच्च जलस्तर के रिकॉर्ड को तोड़ने को आतुर है। राप्ती-रोहिन और गोर्रा का पानी तबाही मचा रहा है। बाढ़ प्रभावित गांवों में जिला प्रशासन द्वारा बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने अब तक 10800 से अधिक खाद्यान्न राहत किट वितरित करा दिया है।
सरयू नदी का पानी वर्ष 2009 में अयोध्या पुल पर खतरे के निशान 92.73 आरएल मीटर को पार कर 94.010 आरएल मीटर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। वहीं बरहज में सरयू नदी का जलस्तर वर्ष 1998 में खतरे के निशान 66.50 आरएल मीटर को पारकर सर्वोच्च 68.62 आरएल मीटर पर पहुंच गया था। सरयू नदी में एक बार फिर उफान पर है। गुरुवार को सरयू नदी का जलस्तर अयोध्या में 93.980 आरएल मीटर पहुंच गया जबकि बरहज में यह नदी 68.300 आरएल मीटर पर बहने लगी है।
गोला क्षेत्र में सरयू नदी ने मचाई तबाही, दहशत
गोला क्षेत्र में बहने वाली सरयू नदी उफान पर है। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रशासन ने लोगों के आवागमन के लिए आधा दर्जन नाव लगवाई है। कस्बा के कई मार्गों व मुहल्लों में पानी आ गया है। विद्युत उपकेंद्र में पानी घुस जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की आपूर्ति रोक दी गई है। थोड़ा भी पानी बढ़ा तो तहसील विद्युत उपकेंद्र की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
परनई गांव के नायक टोला में एक व कोहना गांव में दो नाव लगवाई गई है। कोहना गांव के दयाशंकर यादव, आशीष यादव, बृजेश यादव, संतोष कुमार, सूरज विश्वकर्मा, पुरुषोत्तम कुमार, राजकुमार आदि का कहना है कि बाढ़ के साथ कटान तेज हो गई है। रकौली गांव का गोड़ियाना टोला और कोहना गांव का यादव टोला के बचाने की प्रशासन ने समुचित व्यवस्था नहीं की तो टोला सरयू में विलीन हो जाएगा। इसके अलावा सोढ़ावीर, भदौरा, तीरागांव, बारानगर आदि में भी गांव में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।