उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद सरकार का गठन कर लिया है। लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके पुराने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से मिली हार के बावजूद बरकरार रखा गया है। हालांकि, दिनेश शर्मा को हटाकर उनकी जगह एक अन्य ब्राह्मण चेहरे ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। ब्रजेश पाठक 2016 में भाजपा में आने से पहले मायावती के बेहद खास थे।
पाठक यूपी की राजनीति में एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा हैं। उन्हें योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उपमुख्यमंत्री रहे दिनेश शर्मा की जगह दी गई है। ब्रजेश पाठक लखनऊ कैंट से चुनाव जीतकर आए हैं। 25 जून 1964 को जन्मे ब्रजेश पाठक एलएलबी कर चुके हैं। 2004 से 2008 की चौदहवीं लोकसभा में पहली बार सांसद बने। 2008-14 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 2016 में मायावती को झटका देकर वह भाजपा में शामिल हो गए थे। मार्च 2017 में सत्रहवीं विधान सभा में पहली बार विधायक बने और योगी सरकार में कानून मंत्री रहे।
कहा जाता है कि बसपा में दलित-ब्राह्मण गठजोड़ बनाने में उनकी अहम भूमिका था। इसी सोशल इंजीनियरिंग के सहारे 2007 में मायावती सत्ता में पहुंचने में कामयाब रही थीं। ब्रजेश पाठक ने लखनऊ विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति से राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। वह 2002 में कांग्रेस के टिकट पर हरदोई की मलवां सीट से चुनाव लड़े थे। हालांकि बसपा के सतीश वर्मा से करीबी मुकाबले में हार गए थे। इसके बाद वह बसपा में शामिल हो गए थे।
ब्रजेश पाठक मूल रूप से हरदोई जिले के मल्लावां कसबे के मोहल्ला गंगारामपुर निवासी हैं। इनके पिता सुरेश पाठक मल्लावां के चेयरमैन रह चुके हैं। वह तीन भाईयों में सबसे छोटे हैं। सबसे बड़े राजेश पाठक, मझले भाई दिनेश पाठक हैं। भाई भाजपा से जुड़े हैं। खेतीबाड़ी व व्यापार करते हैं।