मामला उत्तर प्रदेश के कासगंज का है। जहाँ बीती 9 फरवरी को बिकरू कांड की ही तरह फिर से एक और वारदात को अंजाम दिया गया था। जिसके आरोपी पर 1 लाख रुपये का इनाम था। जिसको पुलिस ने आज एनकाउंटर में ढेर कर दिया।
आरोपी मोती धीमर रविवार तड़के यानी आज पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया है। आरोपी के पास से दारोगा की गायब पिस्टल भी बरामद हुई है।
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना की सुबह ही मुख्य आरोपी मोती धीमर के भाई एलकार को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। साथ ही, उसके मौसेरे भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी की मां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना के 8 दिन बाद पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
घटना के बाद STF की पांच टीमों समेत पुलिस और SOG की कुल 12 टीमें गठित की गईं थीं। खुद सीएम योगी और डीजीपी एचसी अवस्थी घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे। घटना के 12 दिन बाद पुलिस टीम को मुखबिर की सूचना पर यह बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
जाने क्या है पूरा मामला
कासगंज पुलिस के दरोगा अशोक पाल अपने साथी सिपाही देवेंद्र के साथ शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने निकले थे। वहां दुर्दांत अपराधी मोती धीमर के शारब के अड्डे पर छोपेमारी के दौरान पुलिस कर्मियो को बंधक बनाकर मारपीट की गई थी। मोती ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों को उनके कपड़े उतारकर पीटा था।
पुलिसकर्मियों पर बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए उन्हें लाठी और लोहे के भाले के प्रहार से घायल कर दिया गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कॉंबिंग के दौरान लहूलुहान हालत में मिले दरोगा अशोक पाल और सिपाही देवेंद्र को अस्पताल भिजवाया था, जहां उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल सिपाही देवेंद्र ने दम तोड़ दिया था। दरोगा अशोक पाल को गंभीर हालत में अलीगढ़ रेफर कर दिया गया था, जहां वो उपचाराधीन हैं।