मामला सुल्तानपुर का है, जहाँ तहसील निर्माण में निरिक्षण के दौरान काफी लापरवाही देखने को मिली है जिसका ज़िम्मेदार कौन है पता नहीं। सभी इस मामले में अपने आप को बचाते नज़र आ रहे है।
निरीक्षण के दौरान नव निर्मित तहसील में पीले ईट के प्रयोग पर गुस्से से बिखेरे उपजिलाधिकारी बल्दीराय ने कार्य में मिली कई खामियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कार्य को बंद करने का आदेश दे दिया हैं।
बल्दीराय तहसील के नवनिर्मित भवन के निर्माण में आये दिन कार्य मानक के अनुरूप नहीं हो रहा है। जिससे पुर्व में उपजिलाधिकारी बल्दीराय राजेश सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कार्य बंद करने का आदेश दिया था और दुरसंचार के माध्यम से अधिशाषी अभियंता रजक जी को गुणवत्ता और खामियां के विषय है, से अवगत कराया है और संजीदगी से कार्रवाई करने का आदेश भी दिया लेकिन लगातार चेक करने के बाद भी निर्माण कार्य में संवेदनहीनता का व्यहवार क्यों जबकि तहसील निर्माण का बजट 585.90लाख का है। ऐसे में इस प्रकार कि लोपापोती क्यों की जा रही हैं?
उपजिलाधिकारी के आदेश का कोई असर क्यों नहीं हो रहा। इन ठेकेदारों पर या इन्हें किसी सत्ताधारियों का हस्त वरदान प्राप्त है देखना ये होगा कि अधिशाषी अभियंता इस प्रकरण में कोई ठोस कदम उठाते हैं या मोटा नजराना लेकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं।