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पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती क़ीमतों के बचाव में क्या बोले मोदी सरकार के मंत्री

सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के मामले में एक बार फिर अपना बचाव किया है. मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 तक दुनिया के अलग-अलग देशों में पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों में बढ़ोतरी का आँकड़ा पेश किया.

उन्होंने अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस और स्पेन में पेट्रोल की बढ़ी क़ीमतों का हवाला दिया और कहा कि भारत में इनका 10वाँ हिस्सा ही दाम बढ़ा है.

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक अमेरिका में पेट्रोल की कीमतें 51 फ़ीसदी बढ़ीं. जबकि कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन और भारत में इसकी कीमतें क्रमश: 52, 55, 55, 50, 58 और 5 फ़ीसदी बढ़ी हैं.

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हाल में पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल और गैस की क़ीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. मंगलवार को भी पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों में बढ़ोतरी हुई है. पिछले 15 दिन में ये 13वीं बार है जब इनके दाम बढ़े हैं.

दिल्ली में दो हफ्ते में पेट्रोल की कीमतों में 9.20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है. तेल की कीमतों की वजह से विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है. सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर बताया था कि 2014 के मुकाबले अब बाइक, कार, ट्रैक्टर और ट्रक की टंकी भरवाना कितना महंगा हो गया है. हालांकि सरकार के मंत्री इसका बचाव करने में लगे हैं.

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की मौजूदा वजह रूस-यूक्रेन जंग है. हालांकि विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि भारत रूस से सिर्फ पांच फीसदी तेल मंगाता है. इसलिए देश में इनके दाम बढ़ने के लिए रूस-यूक्रेन जंग को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

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