Corona VirusUttar Pradesh

यूपी की राजधानी लखनऊ के हालात किसी से छिपे नहीं है..

यहां लाशों को जलाने के लिए लकड़ी और जगह कम पड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ कब्रिस्तानों में कब्र खोदने वाले नहीं मिल रहे…बावजूद इसके पिछले कई दिनों से हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है…जहां लाखों की तादाद में श्रध्दालू और साधू संत पहुंचे हुए हैं…इन साधू संतों में सैकड़ों ऐसे भी है जो कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं…जिसमें एक की जान भी चुकी है…लेकिन इस महामारी की खौफनाक तस्वीरों को देखते हुए ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अब इस कुंभ को बीच में ही खत्म कर दिया जाए…

हरिद्वार में कुंभ चल रहा है…वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में पिछले एक महीने के अंदर कोरोना मरीजों के मिलने की रफ्तार में 8814% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है… इस ग्रोथ रेट को समझना है तो पहले कुछ आंकड़ों को देखें… 14 फरवरी से 28 फरवरी तक उत्तराखंड में महज 172 लोग संक्रमित पाए गए थे… फिर 1 से 15 अप्रैल के बीच 15,333 लोग कोरोना की चपेट में आए… 14 फरवरी से 14 अप्रैल के बीच का ग्रोथ रेट 8814% आता है…पीएम मोदी की अपील के बाद इस कुंभ को बीच में खत्म करने की उम्मीद जताई जा रही है… कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से फोन पर बातचीत की जिसके बाद कुंभ को प्रतीकात्मक करने का फैसला लिया गया है…मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की… सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना… सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं… मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।’
इसके बाद जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर की। उन्होंने लिखा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं। स्वयं एवं अन्य के जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना के नियमों का निर्वहन करें।’ स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि ज्यादातर स्नान पूरे हो चुके हैं। सिर्फ बैरागियों का स्नान बचा है। इसमें बहुत कम साधु शामिल होंगे और वे भी मानते हैं कि यह स्नान प्रतीकात्मक होना चाहिए। जानकारी के मुताबिक 70 से ज्यादा साधु संत कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं…जिसमें 65 साल के अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देवदास की मौत भी हो चुकी है…कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए निरंजनी अखाड़े ने 15 दिन पहले ही कुंभ मेला खत्म करने का ऐलान कर दिया था… इस अखाड़े के 17 साधु-संत संक्रमित हो चुके हैं… अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी खुद संक्रमित हैं… वहीं दूसरी तरफ कुंभ में संक्रमण फैलने को लेकर अब अखाड़े के साधु-संत आपस में ही भिड़ गए हैं… एक-दूसरे पर कोरोना फैलाने को लेकर आरोप लगा रहे हैं… बैरागी अखाड़े ने आरोप लगाया कि कुंभ में संक्रमण संन्यासी अखाड़ों से फैला है…तो वहीं निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कुंभ में बढ़ते संक्रमण के मामलों के लिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को जिम्मेदार ठहराया है…

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