Breaking NewsIndia News

अब साधु-संतों ने किया आंदोलन का ऐलान, किसानों की तरह डाल सकते हैं सड़कों पर डेरा

BABA POLITICS : Might BABA's Can Organize A Foot March To The Cm House - मांग पूरी नहीं हुई तो साधु संत सरकार की विफलताओं को करेंगे उजागर | Patrika News

कृषि कानूनों की वापसी से ट्रेड यूनियनों से लेकर साधु-संतों तक को अपनी मांगें मनवाने का मौका मिल गया है। कृषि कानूनों की वापसी के फैसले से प्रेरित होकर अब साधु-संतों ने भी आंदोलन का ऐलान किया है। दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साधु-संतों ने दिल्ली के कालकाजी मंदिर में मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन की शुरुआत की। साधु-संतों का यह आंदोलन मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाने के लिए कानून की मांग को लेकर है। साधुओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर किसान सरकार को झुका सकते हैं तो हम क्यों नहीं। जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली में डेरा डालेंगे।

अखिल भारतीय संत समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मंच से साधु-संतों ने कहा कि जब किसान दिल्ली के रास्ते को रोककर बैठ सकते हैं और सरकार से अपनी मांगें मनवा सकते हैं तो हम साधु-संत ऐसा क्यों नहीं कर सकते। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर साधु-संतों ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती हैं तो हम भी दिल्ली में डेरा डालेंगे। वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र कर मठ-मंदिरों पर अवैध रूप से कब्जे को लेकर अपनी नाराजगी जताई।

navbharat times 11

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि जनवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में नटराज मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने वाले आदेश में कहा था कि मंदिरों का संचालन और व्यवस्था भक्तों का काम है। सुप्रीम कोर्ट मंदिर के पुजारियों और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की अपील पर यह फैसला सुनाया था। जगन्नाथ मंदिर के अधिकार वाले केस में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि मंदिरों पर भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन को सरकारें मनमाने तरीके से खर्च करती हैं। जबकि एक भी चर्च या मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है।

मां कालिका सिद्ध पीठ कालिका जी मंदिर के महन्त सुरेंद्र नाथ अवधूत महाराज ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार को मंदिरों का प्रबंधन तुरंत साधु-संतों के हाथ में सौंप देनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे देश के साधु-संत आंदोलन करेंगे। इधर, अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपने ट्विटर हैंडल से इस आंदोलन के शुरू होने की सूचना दी और कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। बता दें कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद ट्रेड यूनियनों ने भी लेबल लॉ के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button