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अनुप्रिया पटेल ने कहा: मां कृष्णा पटेल जब चाहें संभाल सकती हैं उनकी पार्टी की कमान, लेकिन बहन पल्लवी के साथ काम करना असंभव

अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने परिवार और पार्टी में बिखराव के लिए बड़ी बहन पल्लवी पटेल को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा कि जब आपकी सगी बहन ही झूठा प्रार्थना पत्र देकर फर्जी मुकदमे में फंसाना चाहे, तो उससे संबंध रखने के बजाय अलग रास्ता अपनाना ही मुनासिब होता है। अनुप्रिया ने कहा कि पल्लवी ने धोखाखड़ी कर छोटी बहन अमन पटेल को पिता की संपत्ति से अलग करा दिया। इससे मजबूर होकर उसे कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अमर उजाला के साथ हुई बातचीत में मां कृष्णा पटेल के आरोपों पर भी खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मां-बेटी का रिश्ता स्वार्थों से ऊपर होता है। मां का उन्होंने हमेशा सम्मान किया है। मां से उनकी कोई प्रतियोगिता नहीं है। ऐसे में हार के डर से मैदान छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता है।

मां के सम्मान में हटाया है प्रत्याशी – अनुप्रिया

उनके प्रति अपने सम्मान के कारण ही अपना उम्मीदवार हटाया है। उन्होंने मां कृष्णा पटेल के सभी बैंक खातों को बंद कराने के आरोपों पर कहा कि यह मेरी छोटी बहन अमन पटेल से जुड़ा बिल्कुल अलग मामला है।

मैंने मां का कोई खाता बंद नहीं कराया है। जो खाते बंद हुए हैं, वह पिता के साझा व्यापार से जुड़े हुए हैं। जिसमें धोखाधड़ी करके बड़ी बहन पल्लवी पटेल ने छोटी बहन अमन पटेल को हटाया। इससे अमन पटेल को मजबूर होकर अपने हक के लिए न्यायालय जाना पड़ा। इंतजार करिए, न्यायालय का निर्णय आते ही सबके काले चिट्ठे सामने आ जाएंगे।

पिता का सम्मान नहीं करने वालों का साथ देना गुजरा नागवार
अनुप्रिया ने कहा कि मां कृष्णा पटेल व बहन पल्लवी पटेल ने ऐसी पार्टियों का साथ दिया, जिन्होंने उनके पिता डॉ. सोनेलाल को कभी सम्मान नहीं दिया। सत्ता में रहते हुए सपा ने न तो उनके सम्मान में कोई योजना शुरू की, किसी संस्था का नाम रखा, वहीं कांग्रेस ने भी कोई ऐसी पहल नहीं की।
पिता के समय ही अद का भाजपा से हुआ था गठबंधन
अनुप्रिया ने कहा कि मुझ पर भाजपा से गठबंधन करने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लेकिन सवाल उठाने वाले भूल जाते हैं कि वर्ष 2007 में पिता डॉ. सोनेलाल पटेल के जीवित रहते ही भाजपा से गठबंधन हुआ था। इससे पहले मेरे स्वर्गीय पिता को सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला था, मगर उन्होंने खारिज कर दिया।
पल्लवी और उनके पति के साथ सियासी सफर संभव नहीं
अनुप्रिया ने कहा कि मां जब चाहें तब उनकी पार्टी की कमान संभाल सकती हैं। मगर पूर्व की हरकतों के कारण पल्लवी पटेल और उनके पति पंकज के साथ राजनीतिक कार्य करना बिल्कुल संभव नहीं है। मुझे अब भी विश्वास है कि तमाम दबावों के बाद भी मां मुझे कभी ना कभी समझेंगी।

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