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एटा : जातीय राजनीति पर परवान चढ़ रहा चुनाव, मुद्दे होते जा रहे गौण, ब्राह्मण और क्षत्रिय मतदाता निर्णायक

यूपी विधानसभा चुनाव के एलान के बाद तमाम मुद्दों पर शुरू हुआ एटा सदर सीट का चुनाव परवान चढ़ते-चढ़ते जातीय राजनीति पर आ टिका है। धीरे-धीरे मुद्दे गौण होते जा रहे हैं। सियासी घमासान में अब प्रत्याशियों को जातीय समीकरण ही अहम नजर आ रहे हैं। सत्ताधारी दल भाजपा के प्रत्याशी के समक्ष जहां रूठे मतदाताओं को मनाने और पांच साल के विरोध को पाटने की चुनौती है, तो सपा के

परंपरागत वोट बैंक में बसपा प्रत्याशी के सेंध लगाने से इस खेमे की भी नींद उड़ी हुई है। जिस तरह से चुनावी समीकरण बनता जा रहा है, उसमें क्षत्रिय और ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में नजर आ रहे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में भगवा लहर में जीते विपिन वर्मा डेविड पर भाजपा ने फिर भरोसा जताया है। वहीं, सपा ने भी अपने पुराने खिलाड़ी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव को अखाड़े में उतारा है। टिकट न मिलने पर सपा से बागी हुए पूर्व विधायक अजय यादव बसपा के झंडे तले चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस से गुंजन मिश्रा और आम आदमी पार्टी से उमेशकांत प्रतिहार भी चुनावी मैदान में जोर आजमा रहे हैं। 10 अन्य प्रत्याशी भी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं। शुरुआत में तो मुकाबला सीधे-सीधे भाजपा और सपा के बीच नजर आ रहा था, लेकिन अब यह बेहद रोचक मोड़ पर पहुंच गया है। बसपा के अजय यादव पार्टी के बेस वोट बैंक के अलावा यादव और मुस्लिम मतदाताओं में भी पैठ बनाने में लगे हुए हैं। यह वोट छिटका तो वह मजबूत होंगे और सपा की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

तीन दशक से भाजपा और सपा का कब्जा : सदर सीट पर तीन दशक से भाजपा और सपा का ही कब्जा रहा है। यही नहीं, दो चुनाव छोड़कर सभी में मुख्य मुकाबला भी इन्हीं दोनों दलों के प्रत्याशियों के बीच ही रहा है। 1991 से 2017 तक सात चुनाव हुए। चार में भाजपा और तीन में सपा को कामयाबी मिली।

मतदाताओं का अलग-अलग नजरिया : घंटाघर स्थित दुकान के व्यापारी अमित चौहान कहते हैं, पांच साल में काम हुए हैं। इससे इनकार नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ी कानून-व्यवस्था बेहतर है, जिसकी सभी व्यापारियों को जरूरत होती है। ठंडी सड़क निवासी वीनेश यादव कहते हैं, जैसी उम्मीदें और अपेक्षाएं थीं, वैसा काम नहीं हुआ। किदवई नगर निवासी जावेद खान का कहना है कि जिला मुख्यालय होने के बावजूद शहर का विकास ढंग से नहीं कराया गया। नई बस्ती निवासी अमित सक्सेना के अनुसार गरीबों को राशन सरकार की बड़ी उपलब्धि है। (संवाद)

वोट गणित
यादव     65 हजार
वैश्य     45 हजार
एससी     45 हजार
लोधी     35 हजार
ब्राह्मण     30 हजार
क्षत्रिय     20 हजार
मुस्लिम     20 हजार

2017 का चुनाव परिणाम
विपिन वर्मा डेविड, भाजपा     82,516
जुगेंद्र सिंह यादव, सपा     61,387
गजेंद्र सिंह चौहान, बसपा     41,937
आशीष यादव, लोकदल     11,032

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