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दुनिया में बढ़ रही है काले चावल की मांग, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान !

आपने हमेशा सफेद या हल्के पीले रंग के चावल के बारे में सुना होगा…लेकिन आज हम आपको काले चावल के बारे में बताने जा रहे हैं… चंदौली इन दिनों काले चावल की खेती के लिए चारों तरफ सुर्खियां बटोर रहा है… आज से ठीक चार साल पहले प्रायोग के तौर पर काले चावल की खेती शुरु की गई थी लेकिन आज ये ही खेती चंदौली के किसानों के लिए सोना बन गई है.

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आज से करीब चार साल पहले भाजपा की वरिष्ठ नेता मेनका गांधी के सुझाव पर चंदौली जिले में काले चावल की खेती शुरू हुई… जानकारी के मुताबिक मणिपुर से इसके बीजों को पहली बार मंगवाया गया और प्रयोग के रूप में छोटे स्तर पर खेती की गई… किसानों की मेहनत और प्रशासन की मदद से इसमें कामयाबी मिली… आज चंदौली के काले चावल की डिमांड भारत के अन्य राज्यों में ही नहीं बल्कि आस्ट्रेलिया और अन्य देशों में बढ़ गई है… कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि चंदौली की मिट्टी काले चावल के लिए उत्तम है… हालांकि 2018 में जब मेनका गांधी मणिपुर से इन बीजों को लेकर आई थी, तब ऐसी सफलता की उम्मीद किसी को नहीं थी… इन बीजों को 12 सौ रुपये प्रति किलो की दर से यहां के 12 किसानों को दिया गया था… परिणाम बेहतर मिला तो किसानों की आय बढ़ने लगी और फिर इस प्रयोग से जिले के अन्य किसानों ने भी जुड़ना शुरू कर दिया… चंदौली के किसानों ने प्रधानमंत्री से मिले समर्थन के बाद किसानों की समिति बनाई गई… सरकारी संसाधनों और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को लाभ मिला… इसमें कोई दो राय नहीं कि चंदौली के काला चावल को एक सफल कृषि प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा सकता है… देव दीपावली पर वाराणसी के दौरे में पीएम मोदी खुद इन चावलों की तारीफ कर चुके हैं… अपने भाषण में उन्होंने इसे किसानों की आर्थिक सशक्तता का आधार बताते हुए कहा था कि पहली बार ऑस्ट्रेलिया को भारत चावल निर्यात कर रहा है… इन चावलों को करीब साढ़े आठ सौ रुपए किलो के हिसाब से निर्यात किया जा रहा है, जिससे चंदौली के किसानों की आय बढेगी…
आपको बता दे कि चंदौली के काला चावल से बिस्किट समेत कई उत्पाद तैयार किये जाते हैं… इसके साथ ही हृदय को स्वस्थ और मजबूत रखने में भी ये काफी कारगर है… विशेषज्ञों का मानना है कि इसके सेवन से फायटोकेमिकल कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है… इतना ही नहीं पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं में भी ये लाभदायक है… कई रिसर्च में ये सामने आया है कि काले चावल में मौजूद एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में सहायक है…काले चावल की खेती आज चंदौली के छोटे किसानों के लिए सोना साबित हो रही है…

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