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पंजाब के कुछ हल्के में लोगों को भोजन से ज्यादा हथियारों की भूख, जानें क्यों ?

देश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव चल रहा है। उसी कड़ी में पंजाब राज्य में 20 फरवरी को विधान सभा का चुनाव होगा। ऐसे में सियासी पारा बढ़ता दिख रहा है। पंजाब में कुल 117 विधान सभा सीट है, जिसमें तरनतारन विधान सभा सीट सुर्खियों में है। इस विधान सभा में आमजनमानस का कहना है कि उन्हें भोजन मिले या न मिले कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन उन्हें हथियार का लाइसेंस जरूर मिले। गौरतलब है कि कांग्रेस के खेमकरण उम्मीदवार सुखपाल भुल्लर के पिता गुरूचेत सिंह भुल्लर ने भी निजी लाइसेंस हथियारों को स्थानीय प्राथमिकता का अंश बताया था।

अन्तर्राष्ट्रीय सीमा लगने के कारण इन क्षेत्रों में बंदूक के प्रति लगाव को सही ठहराते हुए, इस जिले के पट्टी विधान सभा क्षेत्र से विधायक हरमिंदर गिल का कहना है कि हमारे समर्थक हमसे उम्मीद करते हैं कि हम उनके लिए कुछ करें। हमारे समर्थक हर संभव हमारा मदद करते हैं। अगर वो अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक का लाइसेंस चाहते हैं तो उसमें गलत क्या है। बता दें कि कांग्रेस ने गिल को एक बार फिर पट्टी हल्के से मौका दिया है।

बतादें कि पंजाब का तरनतारन उन जिलों में से आता है, जहां जनसंख्या के अनुपात में सबसे अधिक हथियार जमा किए गए हैं। इस हल्के के करीब 500 आवेदक शस्त्र लाइसेंस के लिए जिला प्रशासन की मंजूरी का प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यहां के लोगों का हथियार के प्रति दिलचस्पी ज्यादा है।

चुनाव आयोग के अनुसार आचार संहिता लागू होने के बाद पंजाब में 3 लाख 90 हजार 170 हथियार जमा कराए गए हैं। इसमें सबसे अधिक हथियार अमृतसर में जमा कराए गए हैं, जो लगभग 41 हजार 694 है। जनगणना 2011 के मताबिक इस शहर की आबादी लगभग 27 लाख है। जबकि बठिंडा की आबादी लगभग 14 लाख और हथियारों की संख्या 25 हजार 42 है।
वहीं तरनतारन की आबादी लगभग 27 हजार है और 23 हजार 993 सक्रिय बंदूक लाइसेंस है।

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