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लोकसभा में पेश हुआ नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल, महिलाओं को मिलेगा 33 फीसद आरक्षण

संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। पहले दिन पीएम मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि इस सत्र में कई ऐतिहासिक फैसले होने वाले हैं।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम'' होगा महिला आरक्षण बिल का नाम, PM मोदी का ऐलान... लोकसभा में हुआ पेश - name of women s reservation bill will be nari shakti vandan act pm modi-mobile

संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का आगाज पीएम मोदी के संबोधन के साथ हुआ। पीएम ने जी20 से भारत की साख को मिली मजबूती का जिक्र किया।  इस सत्र में सरकार चार बिल पेश करेगी, जिसको लेकर संसदीय बुलेटिन में जानकारी दी गई थी। हालांकि, विपक्ष ने एक बार फिर इस पर हंगामा किया।
विपक्षी पार्टियों ने इस विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर सरकार को घेरने का एजेंडा बनाया था। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के नेताओं ने बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर मीटिंग कर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। इसको लेकर सोनिया गांधी ने भी पीएम मोदी (PM Modi in Sansad) को एक पत्र लिखा है, जिसमें 9 मुद्दे उठाए गए हैं।

लोकसभा में महिलाओं के लिए रिजर्व होगी 181 सीट

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पेश करते हुए कहा कि लोकसभा में महिलाओं के लिए 181 सीटें रिजर्व होगी। महिला आरक्षण की अवधि 15 साल तक होगी। अवधि बढ़ाने का अधिकार सदन के पास होगा।

दोपहर दो बजकर 47 मिनट तक के लिए स्थगति हुई राज्यसभा की कार्यवाही

 राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजकर 47 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सभापति जगदीप धनखड़ ने यह घोषणा की।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा में पेश

नए संसद भवन में संसदीय कार्यवाही के पहले दिन महिला आरक्षण से संबंधित नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक को पेश किया गया है। इस बिल को केंद्रीय  मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन के पटल पर रखा। हालांकि, इस दौरान कांग्रेस सांसदों ने जमकर हंगामा किया।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा मच गया है। उनके भाषण पर एनडीए सांसदों ने आपत्ति जताई है। दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल अभी भी अस्तित्व में हैं। इसे राजीव गांधी, नरसिम्हाराव और मनमोहन सिंह की सरकार में भी पेश किया गया था। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिल अब अस्तित्व में नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के बयान को रिकार्ड से हटाया जाए।

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