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वसीम रिजवी की हरकत ने एक बार फिर मुस्लिम समाज में सनसनी फैला दी है..

लाइम लाइट में बने रहने के लिए वसीम किसी भी हद तक जा सकते हैं…अब चाहे वो अपने भड़काऊ भाषण और या फिर कोई आपत्तिजनक हरकत…एक बार फिर वसीम रिजवी की वजह से नया बखेड़ा खड़ा हो गया है क्योंकि इस बार वसीम ने किसी इंसान पर नहीं बल्कि अपने ही मजहब पर सवाल खड़े कर दिये हैं…वसीम रिजवी का कहना है कि कुरान शरीफ से 26 आयतों को हटाया जाए…क्योंकि ये आयते आतंकवाद की शिक्षा देती हैं…और तो और इस मुद्दे को लेकर वसीम रिजवी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं…
नमस्कार मैं हू मोहम्मद आसिफ दुलार और आप देख रहे हैं न्यूज टाइम नेशन की खास पेशकश…सैय्यद वसीम रिजवी इस नाम को कौन नहीं जानता…खास कर लखनऊ के लोग तो इस शख्स को बहुत ही कायदे जानते और पहचानते हैं…मीडियो में हाइलाइट रहने के लिए वसीम रिजवी हमेशा कुछ ना कुछ हरकतें करते रहते हैं…ताजा मामला कुरान शरीफ और उसकी आयतों से जुड़ा हुआ है…दरअसल वसीम रिजवी का कहना है कि कुरान शरीफ में 26 आयतें ऐसे हैं जो कि आतंकवाद की शिक्षा देती हैं…लिहाजा इन्हें कुरान शऱीफ से हटा देना चाहिये…वसीम रिजवी इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं और उन्होने एक पीआईएल भी दाखिल की है…
बाइट-
मीडिया में हाइलाइट रहने के लिए इससे पहले भी वसीम रिजवी कई बार ऐसी हरकतें और भड़काउ भाषण दे चुके हैं…पिछले काफी अरसे से वो शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन थे इस दौरान भी वसीम रिजवी ने इस्लाम और कुरान के बारे में आपत्तिजनक बातें की थी…इससे पहले वसीम रिजवी राम जन्मभूमि नाम से एक फिल्म भी बनाई थी…इस फिल्म में कई ऐसे सीन फिल्माए गए जिन्हें लेकर मुस्लिम समुदाय ने कड़ा विरोध दर्ज कराय था…इतना ही नहीं हाइकोर्ट से फिल्म पर रोक भी लगाई गई थी बावजूद इसके ये फिल्म भी रिलीज हो गई…इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक मौलाना पहले तो अपने बेटे का जबरन तलाक करवाता है…लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती तलाक के बाद मौलाना अपनी बहु को शराब पिला कर हलाला करता है…मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस सीन पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है…उनका कहना है कि वसीम रिजवी सिर्फ इस्लाम को बदनाम करने के लिए ये मनगढ़ंत बाते बोल रहा है…जबकि शराब इस्लाम में पूरी तरह हराम है…बावजूद इसके वसीम रिजवी ने झूठी और आपत्ति जनक चीजों को फिल्म में शूट किया है जिसका इस्लाम से कोई लेना देना तक नहीं है…खैर अब वापस मेन खबर पर आते हैं… वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका के बारे में बताया कि इतिहास गवाह है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जाने के बाद पहले खलीफा हजरत अबू बकर ने उन चार लोगों को पैगंबर हजरत मोहम्मद पर नाज़िल अल्लाह पाक के मौखिक संदेशों को किताब की शक्ल में संग्रहित करने को कहा… तब तक हजरत के मुख से समय-समय पर निकले संदेशों को लोग पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक तौर पर ही याद करते कराते रहे…उसके बाद खलीफाओं ने कुरान में अपनी तरफ से कुरान में 26 आयतों को जोड़ा जिसमें इंसानियत के मूल सिद्धांतों की अवहेलना और धर्म के नाम पर नफरत, घृणा, हत्या, खून खराबा फैलाने का जिक्र है…इसी पर सवाल उठाते हुए रिजवी ने कहा कि जब पूरे कुरान पाक में अल्लाहताला ने भाईचारे, प्रेम, खुलूस, न्याय, समानता, क्षमा, सहिष्णुता की बातें कही हैं तो इन 26 आयतों में कत्ल व गारत, नफरत और कट्टरपन बढ़ाने वाली बातें कैसे कह सकते हैं. ..कुल मिलाकर वसीम रिजवी ने अपनी तरफ से कुरान की आयतों तोड़ मरोड़ कर पेश करना शुरु कर दिया है…और जाहिर है कि वसीम रिजवी की ये हरकत एक बार फिर समाज फसाद की वजह बन सकती है…

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