Breaking NewsInternational News

पाकिस्तान में गायब हो गई जिन्ना और उनकी बहन की प्रॉपर्टी, पता लगाने के लिए बनाया गया आयोग

jinnah

पाकिस्तान (pakistan) की एक अदालत ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना  (Mohammad Ali Jinnah) और उनकी बहन फातिमा जिन्ना की संपत्ति और अन्य सामानों का पता लगाने के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है. सिंध उच्च न्यायालय (एसएचसी) के आदेश के बाद, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति फहीम अहमद सिद्दीकी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोग का गठन किया गया. अदालत ने जिन्ना अैर उनकी बहन के शेयर, आभूषणों, गाड़ियों और बैंक खातों में मौजूद पैसों सहित संपत्तियों से संबंधित 50 साल पुराने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया था. पाकिस्तान की स्थापना के एक साल बाद सितंबर 1948 में जिन्ना का निधन हो गया था. फातिमा का निधन कराची में 1967 में हुआ था.

Untitled design 2 2 1

न्यायमूर्ति जुल्फिकार अहमद खान की अध्यक्षता वाली एसएचसी की पीठ ने सुनवाई के दौरान पाया था कि भाई-बहन के सभी सूचीबद्ध क़ीमती सामान और संपत्ति अभी तक खोजी नहीं गई है, जो जाहिर तौर पर गायब हैं. कई अन्य सामान, जो पहले की रिपोर्ट में दर्ज थे, वे तैयार की गई नवीनतम सूची में गायब थे. यह याचिका फातिमा के एक रिश्तेदार हुसैन वालिजी ने दायर की थी. फातिमा जिन्ना की मौत के बाद उनकी संपत्ति को लेकर मुकदमा कराची अदालत में 1968 से 1984 तक लंबित रहा. अब इस संपत्ति को शरिया के अनुसार गवर्न किया जाता है, लेकिन उनके दो ट्रस्ट में हिस्सेदारी को लेकर अब तक विवाद है.

कुछ सालों पहले असलम जिन्ना ने पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट में दावा किया कि वो जिन्ना के पड़पोते हैं, लिहाजा उनकी संपत्ति के वारिस भी. हालांकि बाद में उनका दावा गलत साबित हुआ. इस लेख में लियाकत लिखते हैं कि जिन्ना लगातार अपने भाइयों और बहनों के साथ अन्य रिश्तेदारों के साथ दूरी बनाकर चलते थे ताकि कोई उनके नाम का इस्तेमाल नहीं कर सके. जब एक दो बार उनके भतीजे या भाई ने किसी किताब या सामग्री में उन्हें रिश्तेदार बताकर प्रकाशित करना चाहा, तो उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी.

मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत का बंटवारा कराया. वो अपनी बहन फातिमा जिन्ना के साथ उस देश पाकिस्तान में चले गए, जिसका उन्होंने निर्माण कराया था. लेकिन जिन्ना के खानदान के ज्यादातर लोगों ने तब हिंदुस्तान को चुना. उन्होंने भारत में रहना पसंद किया. बाद में जरूर उनके कुछ भाई-बहनों ने कई सालों बाद पाकिस्तान का रुख किया. वैसे अब भी उनके दो भाई और बहनों के नाती-पोते मुंबई और कोलकाता में रह रहे हैं. जिन्ना की इकलौती बेटी दीना वाडिया ने तो साफतौर पर पिता के देश जाने से मना कर दिया था.

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button