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5G Network Case: जूही चावला से 20 लाख जुर्माना वसूलने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया हाई कोर्ट का रुख

5G Network Case :  5 जी मामले में अब एक बार फिर से जूही चावला की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने जूही चावला के खिलाफ हाईकोर्ट की में याचिका दायर की है। डीएसएलएसए की इस याचिका पर उच्च न्यायाल 3 फरवरी को सुनवाई करेगा। आपको बता दें कि जूही चावला ने 5जी तकनीक को लेकर यह कहते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी, कि 5 जी तकनीक आने से इंसान से लेकर पशु और पक्षियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इस मामले में सिंगल बेंच ने अभिनेत्री की याचिका को खारिज करते हुए उन पर 20 लाख का जुर्माना लगाया था। दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस फैसले को अमलीजामा पहनाए जाने या उचित कार्यवाई करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

5G Network Case

5G Network Case : आपको बता दें कि अभिनेत्री जूही चावला ने भी सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

जूही चावला के वकील ने न्यायमूर्ति अमित बंसल को बताया कि एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ उनकी अपील एक खंडपीठ के समक्ष लंबित है, जिस पर 25 जनवरी को विचार किया जाएगा और अदालत से याचिका पर सुनवाई को फिलहाल टालने का आग्रह किया।

डीएसएलएसए की ओर से पेश वकील सौरभ कंसल ने कहा कि अभिनेत्री से जुर्माना वसूलने का आदेश जून में पारित किया गया था और इसका पालन किया जाना बाकी है। उन्होंने दावा किया कि डीएसएलएसए द्वारा वसूली के लिए नोटिस भेजे जाने के बाद ही आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई थी और खंडपीठ द्वारा कोई रोक नहीं दी गई थी।

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इस पर जूही चावला और अन्य प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील दीपक खोसला ने कहा कि एकल न्यायाधीश (सिंगल बेंच) को जुर्माना लगाने का अधिकार नहीं है।

विधिक सेवा प्राधिकरण के वकील का कहना है कि माननीय अदालत द्वारा वादी (चावला और अन्य) पर जुर्माना लगाए जाने के बाद से 7 महीने से अधिक समय बीत चुका है। इस फैसले के मुताबिक जूही चावला और अन्य प्रतिवादियों के लिए डीएसएलएसए को सात दिनों के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वादी इस माननीय द्वारा लगाई गए जुर्माने को अभी तक जमा नहीं किया गया है। इसलिए विधिक सेवा प्राधिकरण के वकील सौरभ कंसल और पल्लवी एस कंसल के माध्यम से दायर याचिका में, डीएसएलएसए ने जुर्माने की वसूली के लिए चल और अचल संपत्तियों की कुर्की और बिक्री के वारंट जारी करने या चावला और अन्य के कारावास के निर्देश देने के लिए अदालत से सहायता मांगी है।

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