Breaking NewsPolitics News

3 मंत्री समेत 14 विधायकों का इस्तीफा, कितने प्रभावशाली हैं ये नेता और कहां BJP को कर सकते हैं डैमेज?

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में भगदड़ मच गई है। पिछले कुछ दिनों में योगी सरकार के 3 मंत्रियों समेत 14 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। अधिकतर नेताओं का जमावड़ा समाजवादी पार्टी (सपा) में होने जा रहा है। खास बात यह है कि इस्तीफा देने वाले अधिकतर विधायक ओबीसी समुदाय से आते हैं और स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक हैं। बताया जा रहा है कि अभी कुछ और नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। गुरुवार को इस्तीफा देने वाले धर्म सिंह सैनी ने तो दावा किया है कि 20 जनवरी तक हर दिन एक मंत्री बीजेपी छोड़ने जा रहा है।

navbharat times 3

बीजेपी में इतनी बड़ी टूट का क्या असर?
भाजपा से जिस तरह एक के बाद नेता इस्तीफा दे रहे हैं, उससे भाजपा की चिंता बढ़ गई। बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी का साथ छोड़ने वाले तीनों मंत्री और उनके समर्थक विधायक आखिर कितने प्रभावशाली हैं? और भाजपा को इनके जाने से कितना नुकसान उठाना पड़ सकता है? क्या पहले फेज के मतदान से पहले पार्टी में मची भगदड़ से के बाद विपक्षी दल इस तरह का नैरेटिव सेट करने में सफल हो जाएंगे कि बीजेपी हार रही है? वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल कहते हैं कि बीजेपी के मंत्री और विधायक इतनी बड़ी संख्या में जा रहे हैं तो निश्चित तौर पर पार्टी को इसका नुकसान तो होगा ही। जब मंत्री और विधायक किसी दल को छोड़ते हैं तो इसका संदेश अपने समुदाय के लोगों के लिए होता है कि अमुक पार्टी समुदाय को उचित सम्मान नहीं देती। नेताओं के अलग होने से उनके समर्थकों का पार्टी से भरोसा तो टूटता है।
akhilesh yadav 1641629675
2017 में बीजेपी को मिला था ओबीसी मतदाताओं का साथ
भाजपा को 2017 के विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व सफलता मिली थी थी और पार्टी आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे में पहली बार 300 से अधिक सीटें जीतने में कामयाब रही थी। उस समय के नतीजों का विश्लेषण बताता है कि कभी ‘अगड़ों और बनियों’ की पार्टी कही जाने वाली बीजेपी को सभी समुदायों का वोट मिला था। 2017 के चुनाव से पहले बीजेपी बड़ी संख्या में बसपा और सपा के ओबीसी नेताओं को जोड़ने में कामयाब रही थी और पार्टी को इसका फायदा भी हुआ था। गैर यादव ओबीसी वोटरों को लामबंद करने में भगवा दल को सफलता मिली थी। इसका श्रेय काफी हद तक स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी जैसे नेताओं को दिया गया और योगी कैबिनेट में इन्हें जगह भी दी गई।

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button