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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में मस्जिद पक्ष को कोर्ट से झटका, जारी रहेगा ASI का सर्वे; होगा ये आदेश लागू

Gyanvapi Case Gyanvapi Case ज्ञानवापी परिसर में एसएसआइ का सर्वे जारी रहेगा। साक्ष्यों को संरक्षित करने के श्रृंगार गौरी मुकदमे की चार वादिनी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए मामले में पूर्व में दिए गए फैसले को ही लागू करने का आदेश दिया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा गया कि सर्वे रोकने की मांग का प्रार्थना पत्र पोषणीय प्रतीत नहीं होता है।

ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एसएसआइ) का सर्वे जारी रहेगा। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मस्जिद पक्ष की सर्वे रोकने की मांग के प्रार्थना पत्र को गुरुवार को खारिज कर दिया।

इसके साथ ही सर्वे के दौरान मिले साक्ष्यों को संरक्षित करने के श्रृंगार गौरी मुकदमे की चार वादिनी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए मामले में पूर्व में दिए गए फैसले को ही लागू करने का आदेश दिया। मस्जिद पक्ष के प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सर्वे रोकने की मांग का प्रार्थना पत्र पोषणीय प्रतीत नहीं होता है।

उल्लेखनीय है कि इस अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का आदेश दिया था। इसके खिलाफ प्रतिवादी (मस्जिद पक्ष) हाईकोर्ट व उसके बाद सुप्रीम कोर्ट गया और शुल्क न जमा करने समेत अन्य बात रखी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसलिए सर्वे की कार्रवाई रोकना न्यायसंगत नहीं है।

सर्वे से संबंधित आदेश उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय का है इसलिए सत्र न्यायालय के लिए बाध्यकारी है जिसमें कोई परिवर्तन किया जाना संभव नहीं है। पूर्व का आदेश ही होगा लागू ज्ञानवापी परिसर में एएसआइ सर्वे में मिले साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के प्रार्थना पत्र को जिला जज की अदालत ने निस्तारित किया।

श्रृंगार गौरी मुकदमे की ये हैं वादिनी

श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी मंजू व्यास, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी, रीता साहू की ओर से उनके वकील हरिशंकर जैन व सुधीर त्रिपाठी, सुभाषनंद चतुर्वेदी, दीपक सिंह ने प्रार्थना पत्र दाखिल करके यह मांग की थी। जिला जज ने अपने आदेश में कहा कि वादिनी राखी सिंह की ओर से दाखिल इससे संबंधित प्रार्थना पत्र पर पूर्व में आदेश दिया जा चुका है। ऐसे में पुनः आदेश देने का कोई औचित्य नहीं है।

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